नापाकी पाक की एक और नापाक बर्बर हरकत .........
आज प्रातः के समाचार पत्रों की मुख्य हेड लाइन काफी चौकाने वाली और दर्दनाक थी :- और समाचार कुछ इस तरह से था।
" पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सीमा के भीतर घुसकर गश्त लगा रहे भारतीय सेना के जवानों पर हमला कर कथित रूप से दो सैनिकों की गला काटकर नृशंस हत्या कर दी. पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा से सटकर हुये इस हमले में पाकिस्तानी सैनिक करीब 100 मीटर तक भारतीय सीमा में घुस आये और गश्ती दल पर हमला कर दिया. उन्होंने दो लांस नायकों हेमराज और सुधाकर सिंह की हत्या करने के अलावा दो अन्य सैनिकों को घायल कर दिया. सूत्रों ने बताया कि इस क्रूर हमले के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों ने कथित रूप से दो सैनिकों के सिर काट दिये और उनमें से एक का सिर अपने साथ लेकर चले गये."
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नापाकी पाक |
पाकिस्तान
की एक और नापाक और इंसानियत को शर्मिंदा कर देने वाली हरकत के लिए
पकिस्तान शर्मिंदा हुआ हो या न हुआ हो ... पर हम जानते हैं कि इंसानियत
जरुर शर्मिंदा हुई है ... और बड़े भाईजी (भारत के हुक्मरान )जैसा की पहले
भी करते आयें हैं ... बेशक हमारे दो जवानों की जान उनके लिए कीमती नहीं
-छोटे भाई का प्यार ज्यादा कीमती है ... इसलिए हमारे "एस ..." वाले बेचारे
प्रधानमंत्री जी उन्हें माफ़ कर देने को उतावले हो रहे होंगे ... बेशक
दिखाने की लिए ही सही वे हलकी सी फटकार लगा कर अपने कर्तव्य की पूर्ति
जरुर करना चाहेंगे। अब भाई क्या किया जाये ...?? वे भी तो बेचारे लाचार हैं
अपने सहारे होते तो न जाने कभी का पाक को उसकी नापाक हरकतों के लिए उसकी
पीठ ठोंक चुके होते ... अंकल सैम की भी सुननी ही पड़ेगी। अगर उनसे पूछे
बिना ही छोटे भाई को डांट दिया तो कहीं .... अंकल सैम नाराज होकर कान ही न
खिंच दें ...??
अंकल सैम क्लास टीचर हैं और ये बात नापाक पकिस्तान याने छोटा भाई अक्सर भूल ही जाता है और वडे भ्राजी(भारत) कभी भी नहीं भूलते, और अंकल सैम (अमेरिका) हमेशा छुटकू की गलती पर भी बड़के भैया की ही कान खिंचाई करते हैं। अब मजाक मजाक में पाकि भाई ने हमारे दो जवानों को बेदर्दी से जान से मार दिया तो भारती भाई ने जैसा की पाकि भाई को पता था की सैम अंकल की डांट के डर से भारती भाई याने बड़के भैया कुछ कह तो पाएंगे नहीं, उल्टा दूर से आँख दिखाकर ही ये सोचकर संतोष कर लेंगे कि जाने दो ...!! छोटा भाई है।
अंकल सैम क्लास टीचर हैं और ये बात नापाक पकिस्तान याने छोटा भाई अक्सर भूल ही जाता है और वडे भ्राजी(भारत) कभी भी नहीं भूलते, और अंकल सैम (अमेरिका) हमेशा छुटकू की गलती पर भी बड़के भैया की ही कान खिंचाई करते हैं। अब मजाक मजाक में पाकि भाई ने हमारे दो जवानों को बेदर्दी से जान से मार दिया तो भारती भाई ने जैसा की पाकि भाई को पता था की सैम अंकल की डांट के डर से भारती भाई याने बड़के भैया कुछ कह तो पाएंगे नहीं, उल्टा दूर से आँख दिखाकर ही ये सोचकर संतोष कर लेंगे कि जाने दो ...!! छोटा भाई है।
वाकई इस पूरे घटनाक्रम में विश्व के सामने और कोई शर्मिंदा हुआ हो या न हुआ हो पर देश अवश्य शर्मिंदा हुआ है और हमारे सम्मान पर जैसा कि पकिस्तान अतीत में भी चोट पहुंचाता आया है, एक बार उसने फिर से हमारी अस्मिता और अस्तित्व पर कुठाराघात किया है और हमारे प्रधानमंत्री जी किसी भी तरह के कठोर कदम उठाने से हिचकिचा रहे से दीखते हैं। उनके चहरे से टपकने वाली बेचारगी उनकी हालत का बयां खुद ही कर देती है। हमारे देश की लचर राजनीति और नेता जो कि सियारों की तरह हुआ ....हुआ से अधिक कुछ नहीं कर सकते, उनसे देश सम्मान की उम्मीद करना तो बेवकूफी है और उस पर तुर्रा ये कि हमारी विदेश नीति ...?? माशाल्लाह है ...! अब इसे कोढ़ में खाज ही कहना होगा ... आप क्या कहना चाहेंगे ...??
हमारी हालत उस गधे जैसी है जिसे हर कोई (हर देश) आते जाते ठोंक जाता है और जैसा गधा बेचारा कुछ नहीं कर पाता ... हम भी बस खींसे निपोर कर रह जाते हैं, फिर ऐसे में अपनी झूठी इज्जत का क्या रोना रोना ...??
पर ये तो बहुत खराब बात है पकिस्तान जैसा नापाक मुल्क अपने नापाक इरादों को जब चाहे अंजाम देता रहता है और हम सिर्फ हेड मास्टर (अमेरिका)के आगे दरियाफ्त करते रह जाते हैं और हेड मास्टर अपने खिलाफ की गई पाकि की किसी भी नापाक हरकत की सजा ड्रोन के हमले के साथ देता है।
बात तो पुरानी है पर फिर भी जब भी याद आये, घाव हरे कर ही जाती है- हमारे अंदर इतना भी नैतिक साहस नहीं बचा की दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र और दुनिया का सबसे दूसरा बड़ा मुल्क अपने सम्मान के बचाव में कुछ कर सके और अदना से मुल्क की हरकते हमारी खिल्ली उड़ाती नजर आती है। आज लगता है देश को वर्तमान प्रधानमंत्री के स्थान पर किसी लौह पुरुष की आवश्कता है जो अपने देश के सम्मान की रक्षा कर सके। न केवल रक्षा कर सके बल्कि हर बात का जवाब नैतिक साहस से दे सके। क्या आपको नहीं लगता कि सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चन्द्र बोस को एक बार फिर से लौट आना चाहिए ...??? पर इस बात से मेरा तात्पर्य ये है की हममे से हरेक को बोस या पटेल बन जाना चाहिए फिर हमारे ये सियारी नेता हुआ हुआ करना छोड़कर देश के बारे में सोच पाएंगे।
-----------------------------------------वीणा सेठी -------------------------------