भारत हमारे देश का नाम है, इसे हम जानते हैं. पर इस भारत के भीतर भी एक भारत है जिसे हम उसके बाह्य रूप से भी अधिक अच्छी तरह जानते तो हैं पर न जानने का दिखावा करते हैं. क्योंकि ये वो भारत है जो हमारी वास्तविकता है हमारी दुखती रग है, पर हम इस असलियत से शुतुरमुर्ग की मुंह चुराते फिर रहे हैं. ये हमारी पुरानी आदत है जिसे हम छोड़ना नहीं चाहते. मेरा यही प्रयास रहेगा की हम असलियत का सामना करना और अपने प्रति होने वाले अन्याय का प्रतिकार करना सीख जाएँ, यदि एक कदम भी कहीं उठा तो मै स्याम को धन्य मानूंगी.
Wednesday, February 19, 2014
ठण्ड का कहर ...
आज पूरी दुनिया में बर्फ़बारी ने जिस तरह से हिमयुग कि दस्तक कैसी हो सकती है …?? का एहसास करवाया है वह शरीर में सिरहन पैदा कर गया है , यदि वास्तव में ऐसा हो गया .... ?? तो क्या होगा …?? अब सोचने का वक्त आ गया है कि प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ हमने किया है उसका खामियाजा तो हमें ही भुगतना होगा।
Friday, February 14, 2014
वेलेंटाइन डे- एक दिन प्यार के नाम
वेलेंटाइन डे -एक दिन प्यार के नाम
इसके साथ ही पूरी दुनिया में एक बड़ा बाज़ार भी पनप गया वेलेंटाइन गिफ्ट के लिए और माल बेचने वाले सौदागरों की चाँदी हो गई है.
भारत में भी वेलेंटाइन डे बड़े ही आन- बान -शान से मनाया जाता है, जब से प्रेम करने वालों की नई पौद ने पिछले ५-७ सालों में अवतरण किया है, तबसे प्यार और भी परवान चढ़ने लगा है. प्यार करने वाले अपने प्यार का इजहार फूलों से और उपहारों से करेंगे और प्यार के दुश्मन याने विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल वाले उसका विरोध करने सड़कों पर उतरेंगे.
खैर मामला जैसा भी हो कुछ लोगों के लिए ये टाइम पास शगल जरुर हो जायेगा।
बायोलोजी ने प्यार को केवल एक केमिकल लोचा करार दे दिया है। याने प्यार कोई भावना नहीं केवल शारीर में स्त्रावित होने वाले रसायन हैं ।और ये रसायन दिल में नहीं दिमाग से निकलते हैं , चलिए एक बात तो आज झूठी साबित हो गई की प्यार दिल का मामला है. पर हम भारतीय इसे नहीं मान सकते क्योंकि हमारे पास भावनाओं का अम्बार है ।
खैर जो भी हो इस दिन की बधाई हासिल करने का सबका हक़ बनता है , प्यार के लिए ये दिन अच्छा है पर सबसे प्यार करने का चाहे वे माता-पिता हों या कोई और.
प्रमियों को ये दिन मनाने से कोई नहीं रोक सकता पर वे मनाये इसे शालीनता के साथ.
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