Sunday, January 6, 2013

एक परछाई से डर गया शासन....

एक परछाई से डर गया शासन....


दामिनी का जिस तरह से पाशविक दमन किया गया था उससे केवल उसका ही नहीं हर भारतीय नारी कि अस्मिता रेशा-रेशा होकर बिखर गई. आज दामिनी हमारे बीच नहीं है पर उसकी शहादत अपने पीछे ऐसे अनबुझे और अनसुलझे सवाल छोड़ गई है जिनके जवाब ढूंढने में हम सदियाँ न लगा दें या फिर जिस तरह से वो हमें जगा कर गई है वह हमारे लिए उनींदी आँखों का जागना न साबित हो ...उसके बलिदान से जो आंदोलन कि लहर देश में दौडी है कहीं वो ठंडी न पड़ जाए...?? अगर हम अब जाग गए हैं तो हमें जागते रहना चाहिए और सोने कि बात तो भूल ही जाएँ तो अच्छा है.

उसकी शहादत से तो सत्ता में बैठी सरकार जिस कदर डरी बैठी है वह उनकी इस शर्मनाक हरकत से ही पता चल जाता है, जब उसके सब अंगों ने काम करना बंद कर दिया था तब भी दिखावे के लिए सत्ता में बैठे सत्ताधीशों ने विशेष विमान द्वारा सिंगापुर इलाज के लिए भेज दिया (ऐसा मेनका गाँधी का दावा है) और वहाँ से उसकी मृतक देह को रात्रि के ३.३० बजे भारत लाया गया और उसकी आगवानी के लिए हमारे बेचारे प्रधानमंत्री को मैडम सोनिया गाँधी के साथ इतनी कड़कड़ाती ठण्ड में एअरपोर्ट जाना पड़ा... इस हाई प्रोफाइल व्यवहार के लिए इतना ही कहा जा सकता है कि उस लड़की कि परछाई से हमारी सरकार कितनी घबराई हुई है मानो सत्ता उसके हाथों से निकल ही गई है... और उसके अंतिम संस्कार कि रस्म भी आनन्-फानन में निबटा दी गई. जब पूरा भारत सो रहा था तब हमारी सरकार जो सालों से सो रही थी अपनी सत्ता बचने के चक्कर में आधी रात को ठीक उसी तरह से जाग गई थी जैसे १९४७ में भारत आधी रात को स्वतंत्रता हासिल करने के लिए जागा था. कितनी सक्रियता दिखाई हमारी सरकार ने और कोई मामला होता तो अब तक तो उसकी नींद कभी न खुलती. सच्च्चाई यह है कि दामिनी के बलिदान ने सोते हुए भारत को जगा दिया है और उसका असर भी सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने खुली आँखों से देखा है और वो जान गई है कि इस जागे हुए हिंदुस्तान को अब सुलाना आसान नहीं है.

खैर ...अब तो सरकार क्या आम आदमी भी जान गया है कि अब सोने का समय नहीं रहा, अब जाग गए हैं तो सोने का प्रश्न ही नहीं उठता. दामिनी ने हर भारतीय को बता दिया है कि नारी कि अस्मिता कोई सड़क पर फिका हुआ कागज का टुकड़ा नहीं जिसे कोई भी ठोकर मार कर चल दे. नारी  "देवी माँ ' मानने वाले इस देश को इस घटना ने पूरे विश्व में शर्मसार किया है। जागो भारत जागो।।।।।।।।। 

 कहीं ऐसा न हो कि  इस कडकडाती ठण्ड में सरकार के वायदे भी जम जाएँ और पूरे भारत याद रखें India नहीं भारत फिर से एक बार अपनी ही सरकार के हाथों ठगा जाये ......????


कागज


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