कौन है देशद्रोही ...???
असीम त्रिवेदी को देशद्रोही घोषित कर दिया गया ... एक कार्टूनिस्ट जो कल तक सबके लिए एक अनजाना नाम और चेहरा था आज सारा भारत उसे पहचानने लगा है क्योंकि उसने राष्ट्रीय चिन्ह के साथ छेड़छाड़ करने की हिमाकत की है।
राष्ट्रीय चिन्ह के साथ छेड़छाड़ कर के- प्रथम दृष्टि में ऐसा ही प्रतीत होता है किन्तु सोचा जाये तो उन्होंने उससे मिलती जुलती आकृति का कार्टून बनाकर फिर से एक विवाद खड़ा करने की कोशिश की है कि जिससे आम जनता के साथ साथ सरकार भी चैन की नींद से जाग उठे, पर ... ऐसा होगा लगता तो नहीं है। उलटे असीम त्रिवेदी को आनन फानन देशद्रोही करार दे दिया गया। आप भी देखिये इस कार्टून से किस प्रकार के देशद्रोह की बू आती है ... ???
घटनाक्रम तो सभी पाठक जानते ही हैं ... जिसके विस्तार में जाये बिना ही इस प्रश्न पर विचार करना आवश्यक है की क्या एक कार्टून किसी भी सरकार की नीव हिला सकने में इतना सक्षम है कि सरकार को उसके रचनाकर को देशद्रोही कहकर जेल में डालना पड़ जाये और उसे तुरन्त ही रिहा करने की सिफारिश भी करनी पड़ी । कांग्रेस सरकार पहले भी ऐसे ही कई अविवेकपूर्ण निर्णय ले चुकी है और उसे मुँह की खानी पड़ी।
पर सबसे बड़ा सवाल अभी भी मुँह बाएँ खड़ा है ...
देशद्रोही कौन ...???
इसे थोड़ा और भी स्पष्ट करते हैं:
सबसे बड़ा देशद्रोही कौन ...???
असीम त्रिवेदी जैसे रचनाकार,कलाकार या फिर उनकी बरादरी के लेखक ...???
या फिर
हमारे देश के सम्मानीय और पूज्यनीय नेता ...??
हमारे देश के नेता जो फिलहाल की सरकार में बैठकर अपनी सृजनात्मक क्षमता की परिचय घोटालों की शक्ल में दे रहे हैं ... और बेशर्मी से ये कह रहे हैं कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं। देश का ...00000 पता नहीं कितने हजार करोड़ों का घोटाला कर चुके हैं और जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा हजम कर लिया और एक डकार भी नहीं ली। उनसे कोई ये प्रश्न करने की जरुरत ही नहीं कर सकता की देश का इतना पैसा कहाँ गया ...??
जो देश का पैसा खा रहे हैं।
जो देश में भ्रष्टाचार फैला रहे हैं ... विशेष रूप से नेता
जो देश में मिलावटी सामान बेच रचे हैं ..
देश की नौकरशाही जिससे आम जनता त्रस्त है ...
या फिर उन बेईमानों से जो रिश्वतखोरी का बाजार गर्म किये हुए हैं।
ये लोग देशद्रोही हैं या ... फिर असीम त्रिवेदी जैसे लोग ...???
इसका फैसला होना अभी बाकि है .... आपका क्या कहना है ...??
अपनी राय आप दें comment के रूप में।
-----------------------------------------------------------------------वीणा सेठी
असीम त्रिवेदी को देशद्रोही घोषित कर दिया गया ... एक कार्टूनिस्ट जो कल तक सबके लिए एक अनजाना नाम और चेहरा था आज सारा भारत उसे पहचानने लगा है क्योंकि उसने राष्ट्रीय चिन्ह के साथ छेड़छाड़ करने की हिमाकत की है।
राष्ट्रीय चिन्ह के साथ छेड़छाड़ कर के- प्रथम दृष्टि में ऐसा ही प्रतीत होता है किन्तु सोचा जाये तो उन्होंने उससे मिलती जुलती आकृति का कार्टून बनाकर फिर से एक विवाद खड़ा करने की कोशिश की है कि जिससे आम जनता के साथ साथ सरकार भी चैन की नींद से जाग उठे, पर ... ऐसा होगा लगता तो नहीं है। उलटे असीम त्रिवेदी को आनन फानन देशद्रोही करार दे दिया गया। आप भी देखिये इस कार्टून से किस प्रकार के देशद्रोह की बू आती है ... ???
cartoon
घटनाक्रम तो सभी पाठक जानते ही हैं ... जिसके विस्तार में जाये बिना ही इस प्रश्न पर विचार करना आवश्यक है की क्या एक कार्टून किसी भी सरकार की नीव हिला सकने में इतना सक्षम है कि सरकार को उसके रचनाकर को देशद्रोही कहकर जेल में डालना पड़ जाये और उसे तुरन्त ही रिहा करने की सिफारिश भी करनी पड़ी । कांग्रेस सरकार पहले भी ऐसे ही कई अविवेकपूर्ण निर्णय ले चुकी है और उसे मुँह की खानी पड़ी।
पर सबसे बड़ा सवाल अभी भी मुँह बाएँ खड़ा है ...
देशद्रोही कौन ...???
इसे थोड़ा और भी स्पष्ट करते हैं:
सबसे बड़ा देशद्रोही कौन ...???
असीम त्रिवेदी जैसे रचनाकार,कलाकार या फिर उनकी बरादरी के लेखक ...???
या फिर
हमारे देश के सम्मानीय और पूज्यनीय नेता ...??
हमारे देश के नेता जो फिलहाल की सरकार में बैठकर अपनी सृजनात्मक क्षमता की परिचय घोटालों की शक्ल में दे रहे हैं ... और बेशर्मी से ये कह रहे हैं कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं। देश का ...00000 पता नहीं कितने हजार करोड़ों का घोटाला कर चुके हैं और जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा हजम कर लिया और एक डकार भी नहीं ली। उनसे कोई ये प्रश्न करने की जरुरत ही नहीं कर सकता की देश का इतना पैसा कहाँ गया ...??
जो देश का पैसा खा रहे हैं।
जो देश में भ्रष्टाचार फैला रहे हैं ... विशेष रूप से नेता
जो देश में मिलावटी सामान बेच रचे हैं ..
देश की नौकरशाही जिससे आम जनता त्रस्त है ...
या फिर उन बेईमानों से जो रिश्वतखोरी का बाजार गर्म किये हुए हैं।
ये लोग देशद्रोही हैं या ... फिर असीम त्रिवेदी जैसे लोग ...???
इसका फैसला होना अभी बाकि है .... आपका क्या कहना है ...??
अपनी राय आप दें comment के रूप में।
-----------------------------------------------------------------------वीणा सेठी
desh ke prteekon se chhedchhad ko achchhi baat bhi nhin maanniy
ReplyDeleteaapki baat thik hai pr kya aapko vaki lagta hai ki ye cartoon rashtriya chinha ki mul aakrati se chhedchhad hai...?
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ReplyDeleteअपना करें देश अपमानित
ReplyDeleteफिर भी होते हैं सम्मानित
चिन्ह दौड़ता है बस छपकर
घोटालों पर घोटालें भर भर
लिखने पर पाबंदी कर कर
मनमानी करते सारे मिलकर!