Tuesday, November 13, 2012

दीपोत्सव

 दीया उम्मीद का 








इस  प्रछन्न अन्धकार में;
इक दीया मै
उम्मीद का जलाताहूँ,
 और
वहाँ रख देता हूँ;
जहाँ
अँधेरा अभी भी बाकि है,
फिर
इक और दीया
इस उम्मीद से
रौशन करता हूँ:
कोई और भी
इसी तरह से
इक और दिया जलाएगा ;
और
जहाँ-जहाँ तिमिर  पसरा होगा,
वहाँ-वहाँ से वह निकल जायेगा।
और ...और
दीयों की इस श्रृंखला में
पूरा देश दीपोत्सव का त्यौहार,
दीपावली हर्ष और आनंद से मनायेगा।





9 comments:

  1. आपको भी रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" की ढेरों मुबारकबाद!

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  2. दीप पर्व की अनंत शुभकामनाएं

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  3. आपकी पोस्ट आज चर्चा मंच पर है

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  4. आपकी पोस्ट आज चर्चा मंच पर है

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  5. अत्यंत भाव पूर्ण सुन्दर प्रस्तुति ...दीप पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं

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  6. पर्वों की है श्रृंखला, करो प्रें व्यवहार।
    हँसी-खुशी से सभी को, देना कुछ उपहार।।

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  7. दीप जलाएं अंतर्मन में

    दुर्गुण-तिमिर हटायें

    पञ्च दिवसीय दीवाली

    के पंचम दिन की

    हार्दिक शुभकामनाएं

    .......सुन्दर रचना

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    1. vakai harek ke hridaya men gyan ka prakash aalokit ho tabhi dipawali hogi.

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  8. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ......अनुपम प्रस्‍तुति ।

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