Wednesday, July 23, 2014

ऐ...!मेरी सरकार;

..!मेरी सरकार;

1
महँगाई रही है मार;
जनता लगा रही गुहार;
जागो ऐ...!मेरी सरकार,
अब मत करो आत्याचार.
2
टमाटर हो गया है 80 रु किलो'
सूंघ के रखूँ या ईस्तमाल करूँ..?
बता ऐ...!मेरी सरकार?
3
सब्जियों के दाम तो देख;
आसमान की ओर चले;
क्याकार और कैसे पकड़ूं .?
अब तू ही बता ऐ मेरी 
सरकार.

4
तूने सपना दिखाया था;
"अच्छे दिन आएँगे"...
पर लगता है वो सपना था;
आँख खुली और टूट गया.
अब तू ही बता ऐ मेरी सरकार?
अच्छे दिन कब आप लाएँगे...?
5
तूने जो कड़वी दवाई दी;
उसे नीलकंठ सा रख;
"अच्छे दिनों की आस के पन्छि"
को आसमान में ताकें हूँ;
और क्या करूँ...क्या करूँ...?
अब तुझे ही बताना होगा ऐ सरकार...

 वीणासेठी .................................................................................…………………………………………। 

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