"बेशरम"
हमारे मध्यप्रदेश में एक झाड़ पाया जाता है ,जो कही भी कभी भी उग सकता है और उसे खाद पानी की भी जरुरत नहीं पड़ती. उगता तो सीमित क्षेत्र में है पर अपने पैर बड़ी तेजी सेपसारता है. अब आपको उसका नाम भी बता देती हों ...??? उसका नाम है ..."बेशरम" मुझे तो कहते हुए भी शर्म आ रही है.
अब देखने वाली बात ये है की हमारे देश में इससे मिलती जुलती इन्सान की एक श्रेणी रहती है, रूप तो "बेशरम " जैसा नहीं है पर ...? गुण में उससे उन्नीस नहीं बल्कि इक्कीस ही बैठती होगी. मेरा ख्याल है कि ... आप अब तक समझ ही गए होंगे. नहीं समझे तो ...कोई बात नहीं ... लीजिये बताये देते हैं... इस प्राणी का नाम "नेता" है.कही -कहीं तो इन्हें "नेताजी" कहकर भी बुलाया जाता है, इन्हें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी से compair मत कर लेना.
हाँ.… तो बात नेता नामक प्राणी की हो रही है. ये भी " बेशरम" की तरह केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं वरन पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है. अब इसकी तारिफ जितनी भी की जाये कम है, पर एक बात पर हम खास जोर देना चाहेंगे कि बेशर्मी में इनका कोई सानी नहीं., बाकि के गुण आपको विस्तार से नहीं बता सकते क्योंकि नेता आपके क्षेत्र के हों या हमारे , सब के सब गुणों की खान हैं और लगभग एक जैसे ही गुण सबके DNA में हैं, अब आप शिकायत नहीं करियेगा की भारत की अनेकता में एकता नहीं है.
कहा ये जाता है कि किसी एक व्यक्ति का DNA दूसरे से match नहीं करता, केवल अपने माता-पिता से ही मैच करता है. पर.… शायद इस नेता नामक प्राणी का DNA किसी से भी match कर जाता है क्योंकि इसके खून में भी मिलावट रहती है शायद इसलिए … इसकी नस्ल का भी भरोसा कोई आम इन्सान नहीं करना चाहता है.
नेता (image-google.com) |
बात हमारी "बेशरम" नामक झाड़ी की हो रही थी और जिससे मिलता जुलता प्राणी हमारे बीच सदियों से पाया जाता रहा है … और आजकल ये "नेताजी" के नाम से प्रसिद्धी प्राप्त किये हुए है. इनका सबसे बड़ा गुण ये है कि अपने प्रयोजन हेतु ये किसी भी हद तक … , किसी भी हद तक याने … आप समझदार हैं समझ गए होंगे, हमारा तात्पर्य क्या है…??
हमारी तो यही सलाह है कि आप इनसे कतई भी किसी भी प्रकार की होड़ करने की चेष्टा भी न करें, क्योंकि आप ही मुँह की खायेंगे.
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम ये तुलना क्यों कर रहे थे.…?? आशा है आप हमारी बात से अवश्य ही सहमत होंगे.
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