भारत .......धर्मं और राजनीति के धंधे की उर्वरा भूमि.............
आज भारत में दो धंधे सोने की खान साबित हो रहे हैं। और ये धंधे बिना लगत याने बिना कैपिटल इन्वेस्टमेंट के हैं और बिना किसी हानि के केवल लाभ ही लाभ हैं. पर........... ये तय करना मुश्किल है की कौन सा धंधा ज्यादा फायदे का है. पर इतना जरुर कहा जा सकता है कि ये कुछ -कुछ तस्करी के जैसा है, इसमें भी बिना कोई दमड़ी लगाये ही फायदा ही फायदा, धर्मं और राजनीती की सबसे खास यही हैं...............
आइये कुछ पर्सनल योग्यताओं पर एक नजर डाली जाये.........................._------
* लोगों को मुर्ख और बेवकूफ बनाने का गुण आवश्यक है।
* थोड़ी धूर्तता, चालबाजी याने आपको दूसरों की आँखों में धूल झोकना आनी चाहिए..
*दूसरों के विश्वास को छलना आना चाहिए।
* वायदा करके भूल जाना बहुत जरुर है।
* पोल खुलने पर बेशर्मों जैसे खींसे निपोरना आना चाहिए और जब-तब घुटनों के बल बैठकर माफ़ी मांगना आपके गुणों में और भी वृधि करेगा.
* चिकना धड़ा होना बेहद जरुरी है याने आप इस हद तक बेशर्म हो की शर्म भी आपके सामने शर्मसार होकर कहीं छुप जाये।
* धर्म के धंधे में तो स्वर्ग और नरक का फर्क आपके समें गौण हो जाना चाहिए।
शेष आगे........................................... कृपया इंतजार करें ...इसका मजा ही कुछ और है...
व्यंग्य के माध्यम से अपनी बात कहना भी कला है , बधाई
ReplyDelete(कृपया वर्ड वरिफिकेसन हटा दीजिये )
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति
ReplyDeleteबुधवारीय चर्चा-मंच पर |
charchamanch.blogspot.com
बढ़िया व्यंग्य विनोद .धर्म पाखंडी होने के लिए ज्ञान विज्ञान का एब्यूज करना आना ज़रूरी रहता है .जानकारी का होना भी .
ReplyDeleteबुधवार, 2 मई 2012
" ईश्वर खो गया है " - टिप्पणियों पर प्रतिवेदन..!
http://veerubhai1947.blogspot.in/
बहुत बढ़िया!
ReplyDelete--
आज चार दिनों बाद नेट पर आना हुआ है। अतः केवल उऊपस्थिति ही दर्ज करा रहा हूँ!
मान्यवर, टिप्पणी के साथ लगा शब्दपुष्टिकरण हटा दीजिए।
समय मिले आपको तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है एक नारी होने के नाते मेरी इस पोस्ट पर आपके विचारों की प्रतीक्षा रहेगी।
ReplyDeletehttp://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/ धन्यवाद....