Monday, March 17, 2014

कविता



 होली का त्यौहार





 


आया होली का त्यौहार,
उमड़ी रंगों की बहार.



देखो कैसी बरस रही...
प्रेम की बौछार.
सबके दिन सुख के आयें
हर दिल में हो रही
ऐसी उमीदों की बौछार.



अपने मितवा संग खेलू होली,
हर दिल की यही पुकार.




सबके मन को दे जाये होली
इस बरस सुकून-ओ-करार ;
हमारी यही कमाना है.
देखो आया होली का त्यौहार.

 

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (18-03-2014) को "होली के रंग चर्चा के संग" (चर्चा मंच-1555) पर भी होगी!
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    कामना करता हूँ कि हमेशा हमारे देश में
    परस्पर प्रेम और सौहार्द्र बना रहे।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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